' अस्थमा के लिए इनहेलर है सही ' कैंपेन - रायपुर में अस्थमा के बढ़ते मामले हो सकते हैं कम -

 

' अस्थमा के लिए इनहेलर है सही '  कैंपेन
- रायपुर में अस्थमा के बढ़ते मामले हो सकते हैं कम - 

रायपुर - बेरोक जि़ंदगी कैंपेन के तीसरा अध्याय अस्थमा के लिए, इनहेलर है सही - इनहेलरहैसही को आयुष्मान खुराना ने लॉन्च किया। अभियान इनहेलर है सही अस्थमा से जुड़े सोशल स्टिग्मा को दूर करने, अस्थमा के इलाज के दौरान इनहेलर के बारे में रोगियों को शिक्षित करने और इससे होने वाले फायदों के बारे में जानकारी देने के साथ ही वर्तमान परिस्थितियों में अस्थमा के मरीजों को बिना किसी परेशानी के अपना जीवन सामान्य तरीके से जीने में मदद करता है। अस्थमा एक लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है जो आमतौर पर वायुमार्ग में सूजन होने और वायुमार्ग संकरा होने के कारण होती है, जो समय के साथ भिन्न हो सकती है। भारत में अस्थमा के 37.9 मिलियन मामले हैं परंतु देश में इतनी अधिक संख्या में मरीज होने के बावजूद अस्थमा से सबसे कारगर उपचार, इनहेलर का उपयोग असामान्य रूप से कम किया जाता है। 

डॉ. गिरिश अग्रवाल, डीएनबी चेस्ट, निरामया चेस्ट क्लिनिक के अनुसार - इन्हलेशन थेरेपी से जुडी सामान्य धारणा को रोगी के दिमाग में बदलने की जरूरत है। इनहेलर्स से जुड़े मिथक हैं - हाई डोज़, दुष्प्रभाव और इसकी आदत हो जाना। हालाँकि, ये सिर्फ भ्रम हैं। मैं उचित परामर्श और शिक्षा के साथ अपने रोगियों को लगभग 90 प्रतिशत इन्हलेशन थेरेपी की सलाह देता हूं। बढ़ते प्रदूषण के स्तर, भीड़भाड़, वर्तमान समय में महामारी आदि के कारण अस्थमा के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है, इनहेलर्स अस्थमा के लिए सबसे अधिक प्रचलित इलाज है। साँस के जरिए ली जाने वाली दवाई ज्यादा प्रभावी इसलिए होती है क्योकि ये सीधे परेशानी की जगह पर जाकर काम करती है। इसके बारे में उचित मार्गदर्शन और शिक्षा की आवश्यकता है, यही कारण है कि इस प्रकार की पहल महत्वपूर्ण हैं।

डॉ. आर के पंडा, एमबीबीएस एमडी चेस्ट, वैभवी सानवी चेस्ट क्लिनिक के अनुसार - मैं जिस ट्रेंड को देख सकता हूं उनमें से एक अस्थमा और इसके सही इलाज के बारे में लोगों में जागरूकता का अभाव है। हालाँकि, पिछले एक दशक में इन्हलेशन थेरेपी की स्वीकार्यता में बहुत सुधार हुआ है, फिर भी लोग इनहेलेशन थेरेपी के फायदों से अनजान हैं और अभी भी उन्हें लगता है कि इनहेलर्स की आदत हो जाती है या मरीज इन पर निर्भर हो जाता है। इनहेलेशन थेरेपी से जुडी भ्रांतियों को दूर करने के लिए रोगियों और उनकी देखभाल करने वालों को उचित शिक्षा देने के साथ ही प्राथमिक देखभाल करने वाले चिकित्सकों और नर्सों को प्रशिक्षित करना जरुरी है।

पिछले कुछ वर्षों में इन्हेलर थेरेपी का उपयोग करने वाले रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है। इनहेलर्स के बारे में जागरूकता और शिक्षा बढ़ी है। 

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता आयुष्मान खुराना, सेलिब्रिटी शेफ विकास खन्ना और अर्जुन अवार्डी बैडमिंटन खिलाड़ी पारुपल्ली कश्यप जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों के साथ, यह कैंपेन अस्थमा और इन्हेलर्स से जुड़े सोशल स्टिग्मा को दूर करने पर ज़ोर देता है। यह कैंपेन बताता है कि अस्थमा के मरीजों के लिए टैबलेट और सिरप जैसे मुंह से ली जाने वाली दवाइयों की तुलना में इन्हलेशन थेरेपी अधिक प्रभावी होती है।

रायपुर में अस्थमा के बढ़ते मामलों के कारणों में वायु प्रदूषण में वृद्धि, पराग, धूम्रपान, भोजन से जुडी गलत आदतें, पोषण की कमी, वंशानुगत गड़बड़ी और माता-पिता की अज्ञानता शामिल हैं। नौ महीने बाद खुले लॉकडाउन के बाद यह और अधिक महत्वपूर्ण है कि हम अपने स्वास्थ्य और विशेष रूप से अस्थमा के रोगियों की उपेक्षा न करें। अस्थमा से जुडी सामान्य अवधारणा को बदलना बहुत महत्वपूर्ण है और खासकर सार्वजनिक रूप से इन्हेलर्स के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। 


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