स्टील इन्फ्रा सॉल्यूशंस कंपनी लिमिटेड ने आईपीओ के लिए डीआरएचपी दाखिल किया
आईपीओ की फेस वैल्यू 10 रुपये है। इसमें 96 करोड़ रुपए तक के नए शेयर जारी होंगे और 1,42,40,473 शेयरों की बिक्री के लिए ऑफर-फॉर-सेल भी शामिल है।
कंपनी का नेतृत्व एक अनुभवी और सिद्ध नेतृत्व वाली टीम कर रही है। चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर रवि उप्पल 40 साल से ज्यादा के ग्लोबल एक्सपीरियंस वाले दिग्गज लीडर हैं। इन्होंने लार्सन एंड टुब्रो, एबीबी और जिंदल स्टील एंड पावर जैसी कंपनियों में बड़े पदों पर काम किया है। वे भारत और वैश्विक बाजारों में बड़े औद्योगिक और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को बढ़ाने के लिए मशहूर हैं। होल-टाइम डायरेक्टर और चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर राजगोपाल कन्नाबिरन ऑपरेशन और वित्त में गहरी समझ रखते हैं। मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस को बढ़ाने और उन्हें बदलाव की राह पर ले जाने का शानदार रिकॉर्ड भी रखते हैं। इन दोनों का नेतृत्व एसआईएससीओएल को मजबूत गवर्नेंस, रणनीतिक दृष्टिकोण और काम को अंजाम देने वाला कल्चर देता है।
आईपीओ से मिलने वाली रकम में से 29.70 करोड़ रुपये का इस्तेमाल वडोदरा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के विस्तार के लिए होगा। 9.70 करोड़ रुपये उसी यूनिट के बे 4 के विस्तार के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे। 5.97 करोड़ रुपये हैदराबाद और भिलाई में मौजूद मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स के लिए इस्तेमाल होंगे। 27 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कंपनी की वर्किंग कैपिटल जरूरतों के लिए होगा। 23 करोड़ रुपये सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों में इस्तेमाल होंगे।
कंपनी, बुक-रनिंग लीड मैनेजर्स के साथ मिलकर, आईपीओ से पहले प्री-आईपीओ प्लेसमेंट पर विचार कर सकती है। अगर ये प्लेसमेंट होता है, तो ये नए इश्यू के 20 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होगा। अगर प्लेसमेंट पूरा होता है तो नए इश्यू का आकार कम हो जाएगा।
ऑफर बुक-बिल्डिंग प्रक्रिया के जरिए हो रहा है। इसमें अधिकतम 50 प्रतिशत हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स को, कम से कम 15 प्रतिशत हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल बिडर्स को और 35 प्रतिशत हिस्सा रिटेल इंडिविजुअल बिडर्स को अलॉकेट किया जाएगा।
एसआईएससीओएल भारत में बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए सबसे तेजी से बढऩे वाली स्टील सॉल्यूशंस देने वाली कंपनी है। क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 में स्ट्रक्चरल स्टील टनेज के हिसाब से ये टॉप तीन कंपनियों में शामिल है। 2018 में शुरू होने के बाद से कंपनी ने 187 स्टील इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स पूरे किए हैं और अपने ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन), प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी और एंड-यूजर ग्राहकों को 2,61,735 मेट्रिक टन (मीट्रिक टन) के सॉल्यूशंस दिए हैं।
कंपनी का स्टील वॉल्यूम 2023 में 44,510 मीट्रिक टन से बढक़र 2025 में 63,372 मीट्रिक टन हो गया, यानी 19.32 प्रतिशत का सालाना ग्रोथ रेट। कंपनी ने 2018 में अपनी पहली मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शुरू की थी और 31 मार्च 2025 तक भारत में छह यूनिट्स के साथ 1,00,000 मीट्रिक टन प्रति साल की कुल क्षमता हासिल कर ली है। कंपनी 2027 तक वडोदरा में 15,000 मीट्रिक टन की और मैन्युफैक्चरिंग क्षमता जोडऩे की योजना बना रही है।
इसके कुछ बड़े ग्राहकों में टाटा स्टील लिमिटेड, टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, एलएंडटी ग्रुप, जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड, अदानी पावर लिमिटेड, शापूरजी पालोनजी एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, अफकॉन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया लिमिटेड, और दीपक फर्टिलाइजर्स एंड पेट्रोकेमिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं।
31 मार्च 2025 तक, कंपनी के पास 71 इंजीनियर्स की इन-हाउस डिजाइन और इंजीनियरिंग टीम है। बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई और भिलाई में इसके डिजाइन ऑफिस हैं।
एसआईएससीओएल के पास छह मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं - चार छत्तीसगढ़ के भिलाई में, एक गुजरात के वडोदरा में और एक तेलंगाना के हैदराबाद में। 31 मार्च 2025 तक इनकी कुल क्षमता 1,00,000 मेट्रिक टन (मीट्रिक टन) है।
कंपनी की रणनीति का हिस्सा है कि वो अपने इंटरनेशनल बिजनेस को बढ़ाए, खासकर मिडिल ईस्ट, अफ्रीका और साउथईस्ट एशिया में। हाल ही में एसआईएससीओएल ने अपने ग्राहक टेक्निमॉन्ट एस.पी.ए., इटली के लिए अल्जीरिया में ऑयल और गैस प्रोजेक्ट के लिए स्टील स्ट्रक्चर्स एक्सपोर्ट किए और अमेरिका व सिंगापुर को डिजाइन और इंजीनियरिंग सर्विसेज दीं।
31 मार्च 2025 तक, एसआईएससीओएल की ऑर्डर बुक 811 करोड़ रुपये की थी। कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू 2024 के 573.49 करोड़ रुपये से बढक़र 2025 में 636.10 करोड़ रुपये हो गया। यानी 10.92 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। ये बढ़ोतरी मुख्य रूप से 26.35 प्रतिशत ज्यादा सेल्स वॉल्यूम की वजह से हुई। टैक्स के बाद का मुनाफा 2024 के 24.84 करोड़ रुपये से 32.67 प्रतिशत बढक़र 2025 में 32.96 करोड़ रुपये हो गया।
भारत में स्टील की मांग 2025 में अनुमानित 152 मिलियन मीट्रिक टन से बढक़र 2030 तक 210-230 मिलियन मीट्रिक टन होने की उम्मीद है, यानी 9-10 प्रतिशत की सालाना ग्रोथ। भारत में स्ट्रक्चरल स्टील मार्केट 2025 में अनुमानित 1,00,900 करोड़ रुपये से बढक़र 2030 तक 1,70,000-1,75,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, यानी 11-12 प्रतिशत की सालाना ग्रोथ। (स्रोत - क्रिसिल रिपोर्ट, जून 2025)
डीएएम कैपिटल एडवाइजर्स लिमिटेड इस इश्यू का एकमात्र बुक-रनिंग लीड मैनेजर है और एमयूएफजी इंटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड रजिस्ट्रार है। इक्विटी शेयरों को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बीएसई लिमिटेड पर लिस्ट करने का प्रस्ताव है।