Vedanta Cares -समुदायों के कल्याण पर फोकस कर रहा वेदांता केयर्स

 समुदायों के कल्याण पर फोकस कर रहा वेदांता केयर्स 

-पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का सीएसआर खर्च वैधानिक जरूरतों से 28 प्रतिशत ज्यादा रहा

- शिक्षा, स्वास्थ्य, सतत आजीविका, महिला सशक्तीकरण और पर्यावरण पर किया फोकस

 

धातु, खनिज और तेल एवं गैस का प्रमुख उत्पादक वेदांता समूहसमुदायों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर केंद्रित है। समूह ने वित्त वर्ष 2021 में समाज पर प्रभाव डालने वाली विभिन्न पहल पर 331 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। वेदांता का सीएसआर खर्च वैधानिक स्तर पर निर्धारित जरूरत से 28प्रतिशत या 93 करोड़ रुपये ज्यादा है।

विगत वर्षों में, वेदांता ने भारत में सबसे अधिक प्रतिष्ठित और प्रभावशाली सीएसआर कार्यक्रमों में से एक तैयार किया है। वित्त वर्ष 2020 के दौरान, कंपनी ने अपनी सीएसआर पहलों पर 296 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जो कि भारतीय उद्योग जगत में सबसे अधिक है।



समूह की प्रत्येक कारोबारी इकाई ने समूह के दिशानिर्देशों के अनुरूप संबंधित सीएसआर एजेंडा को लागू करके अपनी भूमिका निभाई। सतत आजीविका, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तीकरण, खेल एवं संस्कृति, पर्यावरण और सामुदायिक बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में वेदांता एल्युमीनियम बिजनेस की सामुदायिक विकास पहलवित्त वर्ष 2021 में ओडिशा और छत्तीसगढ़ में 5 लाख से अधिक लोगों तक पहुंची।

वेदांता अपने व्यवसाय को सामाजिक रूप से जिम्मेदार, नैतिक और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से संचालित करने के लिए प्रतिबद्ध है और अपने परिचालन क्षेत्रों में और आसपास के समुदायों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में लगातार काम करता है।

वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा, "वेदांता में हमारा एक स्थापित इतिहास है और हम अपने आसपास के समुदायों के सामाजिक हित में निवेश के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा मानना है कि केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग से हमारे प्रयास लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहे हैं और एकीकृत व समावेशी विकास में योगदान दे रहे हैं। हम कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सरकार का सहयोग करने में सबसे आगे रहे हैं। फील्ड अस्पतालों की स्थापना राज्यों के जिला अस्पतालों को दी गई सबसे महत्वपूर्ण और प्रासंगिक सहायता में से एक रही है। कर्मचारियों, परिवारों और कारोबारी साझेदारों के लिए टीकाकरण अभियान की दिशा में हमारे प्रयास ने लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की है।”

वेदांता ने हाल ही में अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की पहल स्वस्थ गांव अभियान की घोषणा की है और 12 राज्यों के 24 जिलों में लोगों को संपूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए अगले पांच वर्षों में 5,000 करोड़ रुपये खर्च करने का रोडमैप बनाया है।

महिलाओं और बच्चों के लिए वेदांता की प्रमुख पहलनंद घर ने 11 राज्यों में 2,400 नंद घरों की स्थापना के साथ एक नया मील का पत्थर पार किया है क्योंकि यह मॉडल आंगनवाड़ी इकोसिस्टम का रास्ता तैयार करता है। इस पहल का उद्देश्य 7 करोड़ बच्चों और 2 करोड़ महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना है।

वेदांताने कोविड-19 संकट के दौरान समुदायों की सहायता को प्राथमिकता में रखा और कर्मचारियों, उनके परिवारों और स्थानीय समुदायों के लिए एक सुरक्षा चक्र तैयार किया। प्रवासी श्रमिकों की मदद करना, जानवरों को खाना खिलाना, कोविड के कारण अलग-थलग पड़ गए लोगों को राशन आपूर्ति करना और कोविड वारियर्स के लिए पीपीई की आपात आपूर्ति के लिए मशीनें आयात करना आदि कदम भी प्रमुखता से उठाए गए। वेदांता ने लगभग 25 लाख भोजन व राशन किटऔर 7 लाख से अधिक स्वास्थ्य एवं स्वच्छता किट वितरित किए। दूसरी लहर के दौरानवेदांता की कारोबारी इकाइयों ने वेंटिलेटर जैसी अहम मशीनों समेत विभिन्न चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम किया और कोविड के मरीजों के लिए 20 लाख लीटर से अधिक ऑक्सीजन की आपूर्ति की। स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिएवेदांता ने देशभर में कोविड के मरीजों के लिए 10 फील्ड अस्पताल स्थापित किए हैं।

कंपनी विभिन्न समुदायों की सुरक्षा और कल्याण के लिए लगातार प्रयास कर रही है। अपने आपदा प्रबंधन प्रोटोकॉल के तौर पर उनके कोविड वारियर महामारी की किसी भी संभावित तीसरी लहर के लिए पहले से ही बचाव के जरूरी उपाय कर रहे हैं। 


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