Vedanta Aluminium- फ्लाई एश और बॉक्‍साइट रेजीड्यू के प्रयोग के लिए वेदांता एल्‍युमीनियम करेगी कंस्‍ट्रक्‍शन इंडस्‍ट्री से गठजोड़

 फ्लाई एश और बॉक्‍साइट रेजीड्यू के प्रयोग के लिए वेदांता एल्‍युमीनियम करेगी कंस्‍ट्रक्‍शन इंडस्‍ट्री से गठजोड़

अपने कारखानों के नजदीक सीमेंट मैन्‍यूफैक्‍चरिंग यूनिट स्‍थापित करने के लिए भी रुचि जताने वाले उद्योगों को किया आमंत्रित

फरवरी, 2022: भारत में एल्‍युमीनियम एवं इसके वैल्‍यू एडेड उत्‍पादों के सबसे बड़े उत्‍पादक वेदांता एल्‍युमीनियम बिजनेस अपने कारखानों में निकलने वाले बाई-प्रोडक्‍ट फ्लाई एश (थर्मल पावर जनरेशन में निकलने वाला बाई प्रोडक्‍ट) और बॉक्‍साइट रेजीड्यू (बॉक्‍साइट से एलुमिना निकालने में बनने वाला बाई प्रोडक्‍ट) के बेहतर प्रयोग के लिए सीमेंट, कंस्‍ट्रक्‍शन और इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर इंडस्‍ट्री से गठजोड़ करेगा।

सीमेंट उद्योग के प्रतिनिधियों और वैश्‍विक विशेषज्ञों के साथ राष्‍ट्रीय स्‍तर पर आयोजित वेबिनार में कंपनी ने सीमेंट मैन्‍यूफैक्‍चरर्स के साथ मिलकर ओडिशा और छत्‍तीसगढ़ में अपने कारखानों के साथ इंटीग्रेटेड सीमेंट प्‍लांट या सीमेंट क्‍लिंकर ग्राइंडिंग/ब्‍लेंडिंग/प्रोसेसिंग यूनिट्स स्‍थापित करने की बात भी कही। एल्‍युमीनियम लगातार चलते रहने वाला उद्योग है, इसलिए कंपनी के कारखानों के निकट सीमेंट मैन्‍यूफैक्‍चरर्स को लगातार उच्‍च गुणवत्‍ता का फ्लाई एश और बॉक्‍साइट रेजीड्यू मिल सकेगा। इससे लॉजिस्‍टिक्‍स की लागत बचेगी और साथ ही उन्‍हें पूर्वी एवं मध्‍य भारत में उभरते कंस्‍ट्रक्‍शन मार्केट तक पहुंच मिल सकेगी। ज्‍यादा जानकारी के लिए info.wastetowealth@vedanta.co.in पर विजिट करें।



वेदांत एल्युमीनियम के वेबिनार में सीमेंटकंस्‍ट्रक्‍शन और इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर सेक्‍टर के लगभग दो सौ अधिकारियों ने भाग लिया। इस क्षेत्र के प्रसिद्ध विशेषज्ञ श्री उल्हास पर्लीकरग्लोबल कंसल्टेंट - वेस्ट मैनेजमेंटसर्कुलर इकोनॉमीपॉलिसी एडवोकेसीएएफआर एंड को-प्रोसेसिंगप्रो. (डॉ.) वीरेंद्र कुमार पॉलहेड-डिपार्टमेंट ऑफ बिल्डिंग इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंटस्कूल ऑफ प्‍लानिंग एंड आर्किटेक्‍चरनई दिल्लीऔर डॉ. अमित चटर्जीनिदेशक-आरएंडडीएल्युमीनियम बिजनेसवेदांता लिमिटेड ने उद्योग जगत के पेशेवरों के साथ सीमेंट उद्योग में फ्लाई-एश और बॉक्साइट-रेजीड्यू के प्रयोग के फायदों पर अपना दृष्‍टिकोण एवं अनुभव साझा किया।

वेबिनार मेंवेदांता एल्युमीनियम बिजनेस के सीईओ श्री राहुल शर्मा ने कहा, “हम जिस तरह से कारोबार करते हैं उसमें सस्‍टेनेबिलिटी के सिद्धांतों को मूल रूप से एकीकृत करने में भरोसा किया जाता है। सस्टेनेबल बिजनेस प्रैक्टिस हमारी परिचालन उत्कृष्टता का आधार हैक्योंकि हम अपने ग्राहकों और समाज के लिए दीर्घकालिक लाभ के अवसर बनाते हैं। हम पूरक उद्योगों के साथ दीर्घकालिक रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा देकरअपने बाई-प्रोडक्‍ट को संसाधन के रूप में प्रयोग करने के लिए समृद्ध वैल्‍यू-चेन विकसित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि भारतीय सीमेंट उत्पादक इस अभिनव पहल पर हमारे साथ काम करेंगेजो उद्योग और पर्यावरण के लिए बेहतर है।‘

फ्लाई-एश और बॉक्साइट-रेजीड्यू एल्युमीनियम उद्योग द्वारा उत्पन्न दो सबसे बड़े बाई-प्रोडक्‍ट हैं, जिनका उपयोग सीमेंट और कंक्रीट निर्माण में किया जा सकता हैजिससे सीमेंट निर्माताओं को क्‍वालिटी आउटपुट, लागत और सस्‍टेनेबिलिटी के मामले में लाभ मिलता है। फ्लाई एशका प्रयोग कंक्रीट में आंशिक तौर पर सीमेंट के स्‍थान पर प्रयोग किया जा सकता है (या ब्‍लेंडेड सीमेंट का उत्पादन करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है) तथासीमेंट के स्थायित्व और प्रयोग में काफी सुधार कर सकता है। सीमेंट निर्माण मेंइस्तेमाल की जाने वाली प्रत्येक टन फ्लाई-एश लगभग 700-800 किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन4.2 मिलियन किलोजूलऊर्जा और 341 लीटर पानी बचाने में मदद कर सकती है। सीमेंट क्लिंकर के लिए कच्चे मिश्रण में बॉक्साइट-रेजीड्यू बहुत उपयोगी हो सकता है। स्लैग के साथ बॉक्साइट-रेजीड्यू के उपयोग से रॉ-मिक्‍स के गुण सुधरते हैं, ऊर्जा की खपत कम होती है और फाइनल प्रोडक्‍ट की मजबूती में सुधार होता है। फ्लाई एश और बॉक्साइट रेजीड्यू दोनों ही औद्योगिक अपशिष्ट हैं, इसलिए इनसे लागत भी बचती है और ऊर्जा की भी बचत होती है।

अपना दृष्‍टिकोण और उद्योग के अनुभव को साझा करते हुएश्री उल्हास पार्लीकर ने कहा, “फ्लाई-एश और बॉक्साइट रेजीड्यू दो बड़े संसाधन हैं जिनका सीमेंट और कंस्‍ट्रक्‍शन उद्योग में लाभदायक तरीके से प्रयोग करने की व्‍यापक संभावना है। सही तरह से प्रयोग किया जाए तो ये दोनों बाई-प्रोडक्‍ट सस्‍टेनेबल ग्रोथ, सर्कुलर इकोनॉमी और जलवायु परिवर्तन से बचाव की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।"

प्रो. (डॉ.) वीके पॉल ने कहा,फ्लाई-एश और बॉक्साइट रेजीड्यू के उपयोग को मुख्यधारा में लाना समय की मांग है। हम एक सस्‍टेनेबल कंस्‍ट्रक्‍शन व्‍यवस्‍था की ओर बढ़ रहे हैं और ऐसे में इन दोनों के प्रयोग के असीम अवसर हैं। बहुत से रिप्‍लेस किए जा सकने वाले मैटेरियल की कीमत पर इन्‍हें बर्बाद किया जा रहा है। आइए हम अलग तरह से सोचें!"

सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों के अनुरूप अकेले चालू वित्त वर्ष मेंवेदांता एल्युमीनियम ने सीमेंटईंट और बुनियादी ढांचा उद्योगों में 3 मिलियन टन से अधिक फ्लाई-एश और 26,000 टन बॉक्साइट-रेजीड्यू के उपयोग में सहायता की है।