Vedanta Aluminum- स्थानीय कलाओं को संरक्षित व संवर्धित करती वेदांता एल्युमीनियम

 स्थानीय कलाओं को संरक्षित व संवर्धित करती वेदांता एल्युमीनियम

- पारंपरिक कलाओं को मुख्यधारा में लाने का प्रयास करती कंपनी -

रायपुर/ नई दिल्ली - वल्र्ड आर्ट डे वल्र्ड के मौके पर भारत में एल्युमीनियम की सबसे बड़ी उत्पादक वेदांता एल्युमीनियम ने ओडिशा और छत्तीसगढ़ में अपने कारखानों के आसपास के समुदायों में स्थानीय कलाकारों के प्रति अपने सहयोग को और मजबूती दी है। देश की समृद्ध सांस्कृतिक एवं कला की विरासत को देखते हुए वेदांता एल्युमीनियम ने कौशल विकास के माध्यम से कलाकारों के लिए आजीविका के सतत साधन बनाने की दिशा में पुन प्रतिबद्धता जताई है। कंपनी उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी कला को मुख्यधारा में लाने और बाजार के अवसरों का लाभ उठाने में भी मदद कर रही है। 



इस दिशा में वेदांता एल्युमीनियम लांजीगढ़ (कालाहांडी, ओडिशा) में अपनी एलुमिना रिफाइनरी के पास स्थित कांकेरी गांव के ढोकरा कारीगरों के साथ काम कर रही है। कालाहांडी के जंगलों के बीच स्थित कांकेरी ढोकरा की प्राचीन धातुकला में कुशल कारीगरों का घर है। ढोकरा लगभग 5000 वर्षों से भारत की समृद्ध हस्तशिल्प विरासत का हिस्सा है और इसके तार सिंधुघाटी सभ्यता से जुड़े हैं। हालांकि, पीढ़ी दर पीढ़ी इस कौशल का उपयोग बस निजी प्रयोग के लिए और आसपास के गांवों में बेचने तक सिमटा हुआ था। इससे होने वाली छोटी सी आय उनके परिवारों का खर्च चलाने के लिए पर्याप्त नहीं थी। इस कारण से कई कलाकारों को अपनी विशेषज्ञता छोडऩे और मजदूरों के रूप में काम करने के लिए पड़ोसी राज्यों में प्रवास करने के लिए मजबूर होना पड़ा।



ढोकरा का एक जीवंत केंद्र बनने की इस गांव की क्षमता को पहचानते हुए वेदांता एल्युमीनियम ने आधुनिक तकनीकों के माध्यम से समकालीन डिजाइन तैयार करने के लिए यहां के कारीगरों को प्रशिक्षित किया। उन्हें धातु और कच्चे माल की खरीद के लिए सीड कैपिटल प्रदान किया और बाजार से जुडऩे के लिए अवसर (प्रदर्शनी और अन्य प्रासंगिक प्लेटफार्म) बनाए, जिससे उन्हें अपनी कलाकृतियों को बेहतर कीमत पर बेचने का मौका मिला। इससे इस क्षेत्र रिवर्स माइग्रेशन देखने को मिला। जिस तरह से इस प्रोजेक्ट ने कुछ कारीगरों के जीवन को बदलने में भूमिका निभाई, उसे देखते हुए अन्य लोग भी ढोकरा कला के अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए गांव लौटने लगे।

सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को संरक्षित करने और बढ़ावा देने की दिशा में वेदांता एल्युमीनियम के प्रयासों के बारे में वेदांता एल्युमीनियम के सीईओ राहुल शर्मा के अनुसार - भारत के इतिहास की समृद्धि इसके असंख्य हस्तशिल्प और कलाकृतियों में दिखती है। हम ढोकरा और भित्तिचित्रों जैसी कलाकृतियों को संरक्षित करने और मुख्यधारा में लाने में मदद करने व इस प्रक्रिया में इन कलाकारों के लिए फलते-फूलते व्यवसायों का निर्माण करने में बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं। वर्ल्ड आर्ट डे के मौके पर हम कला और संस्कृति के क्षेत्र में अधिक स्थायी आजीविका बनाने के अपने प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए, कारीगर समुदायों को देश के विकास में आत्म-सशक्तव आत्म निर्भर भागीदार बनने में सक्षम बनाने के लिए प्रतिबद्धता जताते हैं। 

सोनल चोइथानी 

चीफ कम्युनिकेशंस ऑफिसर 

एल्युमीनियम बिजनेस, वेदांता लिमिटेड