रायपुर छत्तीसगढ़ ब्लड डोनर फाउंडेशन की पहल पर मिला दुर्लभ ब्लड ग्रुप - "बॉम्बे ब्लड ग्रुप "
छत्तीसगढ़ ब्लड डोनर फाउंडेशन की पहल पर मिला दुर्लभ ब्लड ग्रुप -  "बॉम्बे ब्लड ग्रुप " 

 

 

रायपुर। 2 मार्च 20120। रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल रायपुर में भर्ती केंसर की मरीज के लिए 'छत्तीसगढ़ ब्लड डोनर फाउंडेशन' के प्रयास से महज एक घंटे में दुर्लभ ब्लड ग्रुप का डोनर पहुंचा। 'बांबे ब्लड ग्रुप' के नाम से जाना जाने वाला यह रक्त बहुत ही दुर्लभ है जो प्रति 3 लाख लोगों में से किसी एक का होता है। समय पर 'बांबे ब्लड ग्रुप' का डोनर मिलने से मरीज के इलाज में सहायक हुआ।


छत्तीसगढ़ ब्लड डोनर फाउंडेशन के विवेक कुमार ने बताया कि -  रामकृष्णा केयर हॉस्पिटल, रायपुर में भर्ती केंसर की मरीज का नाम के कुंती है जो भिलाई की रहने वाली है। यह तीन दिन से रामकृष्णा केयर अस्पताल में भर्ती है। मरीज का रक्त 'बांबे ब्लड ग्रुप' का होने के कारण डॉक्टरों को काफी समस्या हो रही थी। अस्पताल प्रबंधन ने छत्तीसगढ़ ब्लड डोनर फाउंडेशन की टीम से संपर्क किया। फाउंडेशन की मदद से 'बांबे ब्लड ग्रुप' का डोनर महासमुंद पुलिस में आरक्षक अमित बंजारे ने रक्तदान किया। अमित बंजारे को जैसे ही इसकी सूचना दी गई वह फौरन अपनी ड्यूटी से अवकाश लेके रवाना हुआ और अस्पताल पहुंचकर रक्तदान किया। अमित बंजारे की ड्यूटी इस समय विधानसभा में लगी हुई थी जिसके कारण वह समय पर  अस्पताल पहुंच सका। उनके साथ डोनेशन में छत्तीसगढ़ ब्लड डोनर फाउंडेशन के सदस्य भी उपस्थित रहे, हॉस्पिटल प्रबंधन सहित पूरे टीम ने अमित जी इस नेक कार्य के लिए बधाई दी। इस ब्लड ग्रुप को उपलब्ध कराने में फाउंडेशन के विवेक साहू, कीर्ति कुमार, सतीश ठाकुर, अमितेश गर्ग, विकास जायसवाल, श्रद्धा साहू एवं टीम की सक्रिय और सराहनीय भूमिका रही। विदित हो कि इसके पहले भी फाउंडेशन के द्वारा विभिन्न छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों के ब्लड बैंकों में यह दुर्लभ ब्लड ग्रुप डोनेशन कराया जा चुका है। 

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- क्या है बांबे ब्लड ग्रुप और क्यों है ये दुर्लभ ?

 

साल 1952 के बॉम्बे में डॉ वायएम भेंडे ने पहली बार इस दुर्लभ ब्लड ग्रुप को खोजा था इसलिए इसे ये नाम मिला। 

 

ये दूसरे ब्लड ग्रुप्स से कैसे अलग है और क्यों इतना दुर्लभ है? 

 

इसे आसान भाषा में ऐसे समझें कि खून में जो रेड सेल यानी लाल रक्त कोशिकाएं होती हैं, उनकी सतह पर एंटीजन होता है, जो ब्लड ग्रुप तय करता है। एबी ब्लड ग्रुप में ए और बी एंटीजन मिलते हैं, इसी तरह ए ग्रुप में ए और बी ग्रुप में बी एंटीजन मिलता है लेकिन एचएच या बॉम्बे ब्लड ग्रुप में कोई एंटीजन नहीं मिलता। पूरी दुनिया के हिसाब से बात की जाए तो 40 लाख लोगों में से औसतन एक व्यक्ति का ब्लड ग्रुप ये पाया जाता है। दक्षिण एशिया में यह औसत कम होता है और भारत में लाखों में किसी एक का ब्लड ग्रुप 'बॉम्बे ब्लड ग्रुप' होता है।

 

अगर आप किसी दुर्लभ ब्लड ग्रुप के डोनर को जानते है तो आप हमसे सपंर्क कर सकते है । 

विवेक  - 82691 50260