किशोरों और युवाओं को जागरूक करने की एक नई पहल

 किशोरों और युवाओं को जागरूक करने की एक नई पहल

-छत्तीसगढ़ सहित आडिशा, असम, झारखण्ड और मध्यप्रदेश प्रोजेक्ट में शामिल -

- प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य से जुड़े फैसलों के संदर्भ में सर्तकता 

यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट ने अपनी मोमेंटम कंट्री एंड ग्लोबल लीडरशिप (एमसीजीएल) व्यवस्था के तहत भारत के लिए अपनी नई पहल एमसीजीएल इंडिया-यश का एलान किया। इसमें किशोरों एवं युवाओं को उनके प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य से जुड़े फैसलों को लेकर जागरूक किया जाएगा। 

चार साल के इस एमसीजीएल इंडिया-यश प्रोजेक्ट के तहत युवाओं के लिए परिवार नियोजन और प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य पर फोकस किया जाएगा और परिवार नियोजन की दिशा में भारत के राष्ट्रीय लक्ष्य को पाने में सहयोग किया जाएगा। प्रोजेक्ट के तहत असम, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के शहरी व ग्रामीण इलाकों में हाशिए पर जी रहे युवाओं की परिवार नियोजन एवं प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने में मदद की जाएगी। 


राष्ट्रीय युवा नीति 2014 के मुताबिक, भारत की आबादी में 27.5 प्रतिशत 15 से 29 साल के युवा हैं, जो भारत की सकल राष्ट्रीय आय में करीब 34 प्रतिशत का योगदान देते हैं। 2030 तक यौन एवं परिवार नियोजन समेत प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य सेवा की सब तक पहुंच को लेकर सतत विकास लक्ष्य के बावजूद बात जब यौन एवं प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य से जुड़ी जरूरतों की आती है, तो इन किशोरों को पर्याप्त विकल्प नहीं मिलता है। 

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एफपी एवं एमआईएनएच सलाहकार डॉ. एस. के. सिकदर ने कहा, ‘मैं परिवार नियोजन के लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में एक और कार्यक्रम के लिए सरकार को साझेदार के तौर पर जोडऩे के लिए यूएसएड को बधाई देता हूं। पिछले वर्षों में परिवार नियोजन से जुड़ी समस्याओं के समाधान और प्रभावी बदलाव के मामले में यूएसएड ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक भारत सालाना आधार पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसलिए अब भी बहुत किया जाना बाकी है और हमें भरोसा है कि यश प्रोग्राम सतत विकास के लिए सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरण से जुड़े लक्ष्यों को पाने में अहम भूमिका निभाएगा। साथ ही कार्यक्रम की सफलता और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इसकी पहुंच के लिए निजी क्षेत्र के साथ सक्रिय भागीदारी, रणनीतिक साझेदारी, मल्टी-सेक्टर इन्वॉल्वमेंट को मजबूत करने, इनोवेशन को प्रोत्साहित करनेऔर सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने की भी जरूरत है।’

यूएसएड/इंडिया की डायरेक्टर हेल्थ ऑफिस संगीता पटेल ने कहा, ‘स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत और अमेरिका की सफल एवं लंबी साझेदारी के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध है। यूएसएड के पास स्वास्थ्य एवं कल्याण के क्षेत्र में सरकारी एवं निजी क्षेत्र तथा युवाओं समेत सभी सहयोगियों एवं प्रतिभागियों के साथ काम करने का दशकों का अनुभव है। हमारे कई प्रयासों में प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य को बेहतर करने और लैंगिक आधार पर होने वाले भेदभाव को खत्म करने पर विशेष फोकस रहा है। एमसीजीएल इंडिया-यश को उपलब्ध प्रमाणों एवं सर्वश्रेष्ठ समाधानों के आधार पर तैयार किया गया है और साथ ही लक्ष्य आधारित प्रक्रिया के साथ नए विचारों एवं साझेदारी को विस्तार भी दिया जाएगा। एमसीजीएल इंडिया-यश में स्थानीय साझेदार इकाइयों की क्षमता, स्थिरता और लचीलेपन को बढ़ाने पर भी फोकस किया गया है। हम मानते हैं कि सतत, प्रमाण आधारित और गुणवत्तापूर्ण प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य देखभाल एवं स्वैच्छिक परिवार नियोजन के लिए स्थानीय संस्थानों की तकनीकी एवं संस्थागत क्षमता बढ़ाना जरूरी है। एमसीजीएल इंडिया-यश में प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सभी संबंधित पक्षों के साझा हितों की पहचान करना और मिलकर लक्ष्य हासिल करने का प्रयास किया गया है।’