वेदांता एल्युमीनियम ने 380 मेगावाट अक्षय ऊर्जा के लिए किया लंबी अवधि का करार
· बाल्को (कोरबा, छत्तीसगढ़) और झारसुगुड़ा (ओडिशा) में एल्युमीनियम स्मेल्टर्स के लिए 380 मेगावाट अक्षय ऊर्जा आपूर्ति के लिए पावर डिलीवरी एग्रिमेंट किया
· इससे सालाना करीब 15,00,000 टन कार्बन डाई ऑक्साइड के बराबर ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन कम होगा
2 मई, 2022: भारत में एल्युमीनियम की सबसे बड़ी उत्पादक वेदांता एल्युमीनियम ने अपने एल्युमीनियम स्मेल्टर्स के लिए 380 मेगावाट अक्षय ऊर्जा की आपूर्ति के लिए लंबी अवधि के करार का एलान किया है। 180 मेगावाट अक्षय ऊर्जा ओडिशा के झारसुगुड़ा में स्थित एल्युमीनियम स्मेल्टर को और 200 मेगावाट छत्तीसगढ़ के कोरबा में भारत एल्युमीनियम कंपनी (बाल्को) को मिलेगी। यह आपूर्ति वेदांता लिमिटेड (एल्युमीनियम बिजनेस) और सोलर, विंड व स्टोरेज सॉल्यूशन के साथ अक्षय ऊर्जा (हाइब्रिड) की आपूर्ति करने वाली कंपनी स्टरलाइट पावर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (एसपीटीपीएल) के स्पेशल पर्पज व्हीकल के बीच हुए पावर डिलीवरी एग्रिमेंट (पीडीए) के तहत होगी। आपूर्ति शुरू होने के बाद इस करार के माध्यम से वेदांता एल्युमीनियम का सालाना ग्रीनहाउस उत्सर्जन करीब 15,00,000 टन कार्बन डाई ऑक्साइड के बराबर कम होगा।
2050 तक नेट जीरो के अपने रोडमैप पर बढ़ते हुए वेदांता एल्युमीनियम त्रिस्तरीय प्रक्रिया अपना रही है। इसमें अपने ऊर्जा प्रयोग में अक्षय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाकर ऑपरेशंस को डीकार्बनाइज करना, परिचालन दक्षता बढ़ाना जिससे ऊर्जा का प्रयोग कम हो और स्वच्छ ईंधन एवं टेक्नोलॉजी को अपनाना शामिल है। वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी भारत में अक्षय ऊर्जा की सबसे बड़ी औद्योगिक उपभोक्ता रही है। कंपनी ने करीब 3 अरब यूनिट अक्षय ऊर्जा की खरीद की, जिसका प्रयोग वेदांता के लो कार्बन ग्रीन एल्युमीनियम ब्रांड ‘रेस्टोरा’के उत्पादन में किया गया।
प्रक्रिया के सभी चरणों में कार्बन उत्सर्जन को कम करना कंपनी की रणनीति का हिस्सा है। इसके परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 2020-21 में वेदांता एल्युमीनियम ने 2011-12 के आधार वर्ष की तुलना में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की तीव्रता को 21 प्रतिशत कम किया, जबकि इसी अवधि में कंपनी का उत्पादन करीब तीन गुना हो गया। कंपनी प्रतिष्ठित डाउ जोंस सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स (डीजेएसआई) की सदस्य भी है और 2021 में वैश्विक स्तर पर एल्युमीनियम उत्पादन में चौथे स्थान पर रही।
वेदांता लिमिटेड के एल्युमीनियम बिजनेस के सीईओ राहुल शर्मा ने कहा,‘हमारे एल्युमीनियम स्मेल्टर्स के लिए 380 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा आपूर्ति के लिए हुआ यह करार हमारे उसी लक्ष्य के अनुरूप है, जिसके तहत हम वातावरण को ध्यान में रखते हुए विकास करना चाहते हैं। पर्यावरण पर दुष्प्रभाव के मामले में नेट जीरो के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की तरह ही अपने कारखानों के आसपास के समुदायों का जीवन स्तर सुधारने के प्रति भी हमारी प्रतिबद्धता है, क्योंकि हम जानते हैं कि दोनों ही बातें पर्यावरण के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं। इसलिए हमने 2030 तक अपने ईएसजी (एनवायरमेंटल, सोशल एंड गवर्नेंस) रोडमैप को नए सिरे से तैयार किया है, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा उपभोग बढ़ाने, कार्बन उत्सर्जन कम करने, जल संरक्षण करने और वेस्ट यूटिलाइजेशन करने पर फोकस है।’
यह पावर डिलीवरी एग्रिमेंट प्रोजेक्ट की कमीशनिंग से 25 साल के लिए होगा। कैप्टिव मॉडल के आधार पर हुआ यह करार कंपनी के लिए अक्षय ऊर्जा का किफायती माध्यम होगा और कमोडिटी मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव से कंपनी पर प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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सोनल चोइथानी
चीफ कम्युनिकेशंस ऑफिसर
एल्युमीनियम बिजनेस, वेदांता लिमिटेड