इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) और निसान केमिकल के साथ अलटेयर लांच
( प्री-इमर्जेंट घास मारने की दवा बनेगी किसानों के लिए वरदान )
26 मई 2025, रायपुर - भारत में फसल सुरक्षा और पोषण के क्षेत्र की एक बड़ी और बीएसई और एनएसई पर लिस्टेड कंपनी इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड ने अलटेयर नाम की नई दवा लॉन्च की है। यह दवा धान की फसल के लिए एक खास प्री-इमर्जेंट खरपतवार नाशक (घास मारने की दवा) है। इसे जापान की निसान केमिकल कॉर्पोरेशन ने तैयार किया है और भारत में इसे केवल आईआईएल ही बेचेगी।
अलटेयर की लॉन्चिंग आईआईएल की उस प्रयास का हिस्सा है, जिसमें वह भारतीय किसानों को दुनिया की बेहतरीन तकनीक देना चाहता है। आईआईएल और निसान केमिकल कॉर्पोरेशन के बीच यह साझेदारी 2013 से चल रही है, जिससे जापानी तकनीक अब भारत के खेतों तक पहुंच रही है।अलटेयर की लॉन्चिंग पर इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश कुमार अग्रवाल ने कहा, हमें खुशी है कि हम अपने पार्टनर निसान का एक और बेहतरीन प्रोडक्ट अलटेयर भारत में ला रहे हैं। यह धान की फसल के लिए एक खास दवा है, जो शुरुआत में ही ज्यादातर खरपतवार (घास) के उगने से रोक देती है। यह लॉन्च हमारे उस वादे को मज़बूत करता है कि हम भारतीय किसानों की असली समस्याओं के लिए नई और असरदार तकनीक लाना चाहते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हमें भरोसा है कि अलटेयर धान की खेती करने वाले किसानों के लिए फायदेमंद होगा। इस लॉन्च के साथ आईआईएल फसल सुरक्षा के क्षेत्र में अपनी मजबूत जगह और बढ़ाना चाहता है और देश के किसानों की तरक्की में योगदान देना चाहता है।
इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर दुष्यंत सूद ने कहा - भारतीय धान के किसान कई मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, जैसे हाथ से घास निकालना, कम पैदावार, देर से दवा का इस्तेमाल और बार-बार खरपतवार नाशक डालना आदि। ऐसे में एक नई, असरदार और सुरक्षित दवा की जरूरत थी। हमें खुशी है कि अब किसानों के पास अलटेयर जैसा समाधान है। पिछले एक साल में 500 से ज़्यादा बड़े खेतों में इस दवा को डाला गया, जिसमें 10,000 से भी ज़्यादा किसानों ने इसके असर को देखा। किसानों ने माना कि यह दवा उनकी पुरानी दवाओं से ज्यादा असरदार है।
इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट एम. के. सिंघल ने भी इस मौके पर कहा कि अलटेयर खासकर छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के लिए बहुत उपयोगी रहेगा। लॉन्च से पहले हमें इस दवा को लेकर बहुत अच्छा फीडबैक मिला है। हमारा पूरा प्रयास रहेगा कि इस खरीफ सीजन में पहले ही साल में हम ज्यादा से ज्यादा किसानों तक इसका फायदा पहुंचा सकें।
अलटेयर निसान केमिकल कॉर्पोरेशन की एक खास (पेटेंटेड) खोज है। यह धान की खेती में खरपतवार से लडऩे की तकनीक में बड़ा बदलाव लाया है। इसे तैयार करने में आठ साल की मेहनत और रिसर्च लगी है। यह दवा खास तौर पर भारतीय धान किसानों की जिद्दी घास की समस्या को ध्यान में रखकर बनाई गई है और यह प्री-इमर्जेंट दवाओं में एक नया स्टैंडर्ड तय करती है।
पारंपरिक दवाओं से अलग अलटेयर मिट्टी में पहले दिन से ही एक सुरक्षा परत बना देता है। इसे धान की रोपाई के 0 से 3 दिन के भीतर डालना चाहिए। इतनी जल्दी इस्तेमाल करने से यह दवा 40 से 50 दिनों तक खरपतवार को उगने से रोकती है, जिससे फसल की शुरुआती और ज़रूरी बढ़त के समय अच्छी सुरक्षा मिलती है।
अलटेयर कई तरह की घासों के लिए असरदार है, खासकर उन पर जो सबसे ज्यादा नुकसान करती हैं और जिन्हें रोकना मुश्किल होता है, जैसे - एकिनोक्लोआ क्रस-गैली, अमैनिया, साइपेरस प्रजातियां और कई दूसरी जिद्दी घासें आदि। इसकी बनावट और असर को खास तौर पर भारतीय धान किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, क्योंकि उन्हें अक्सर तरह-तरह की और तेजी से फैलने वाली घासों का सामना करना पड़ता है।
इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड के राइस क्रॉप मैनेजर मनोज सिंह भंडारी के अनुसार - अलटेयर का इस्तेमाल करना आसान है और इसका असर लंबे समय तक बना रहता है। यह दवा भारत के धान किसानों के लिए गेम-चेंजर साबित होगी। इसे आईआईएल के बड़े डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के ज़रिए देश के सभी प्रमुख धान उगाने वाले इलाकों में समय पर और आसानी से उपलब्ध कराया जाएगा।