सूर्या फाउंडेशन द्वारा संचालित कन्या शिक्षा परिसर में जनजातीय कार्यमंत्री रहे मुख्य अतिथि
सूर्या फाउंडेशन द्वारा संचालित कन्या शिक्षा परिसर, सीहोर में रक्षाबंधन का पावन पर्व परंपरागत रूप में हर्ष, उल्लास एवं आत्मीयता के वातावरण में धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश शासन के जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह रहे, जिनकी उपस्थिति से आयोजन की गरिमा और भावनात्मकता दोनों ही बढ़ गई।
छात्राओं ने अपने हाथों से मंत्री डॉ. शाह, जनजातीय कार्य विभाग के जिला संयोजक अरविंद कुशवाहा तथा सूर्या फाउंडेशन द्वारा संचालित कन्या शिक्षा परिसर, सीहोर के प्रबंधक सत्येंदर शर्मा को राखी बाँधी एवं स्नेहपूर्ण आशीर्वाद प्राप्त किया। मंत्री डॉ. शाह ने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में कहा कि सूर्या फाउंडेशन द्वारा संचालित यह संस्थान बालिकाओं के सर्वांगीण विकास की दिशा में सराहनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यहाँ की छात्राएँ निकट भविष्य में नीट एवं जेईई जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में उत्तीर्ण होकर विद्यालय और प्रदेश का नाम गौरवान्वित करेंगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि छात्राओं की प्रत्येक मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति प्रशासन के माध्यम से सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही, उन्होंने विद्यालय से जुड़े कई महत्वपूर्ण एवं लंबित कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराने हेतु आवश्यक स्वीकृतियाँ भी प्रदान कीं।इस अवसर पर मंत्री डॉ. शाह ने पद्मश्री जयप्रकाश, संस्थापक सूर्या फाउंडेशन तथा संपूर्ण प्रबंधन टीम के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उन्हें सादर प्रणाम किया। उन्होंने कहा कि सूर्या फाउंडेशन न केवल शिक्षा, बल्कि नैतिकता और राष्ट्रनिर्माण की दिशा में भी अनुकरणीय योगदान दे रहा है।
अपने संबोधन के अंत में डॉ. शाह ने सभी छात्राओं को एक विशेष उपहार स्वरूप भोपाल भ्रमण का आमंत्रण भी दिया। उन्होंने कहा कि मैं सभी बालिकाओं को भोपाल स्थित ट्राइबल म्यूजय़िम, वन विहार एवं मेरे निवास पर भोजन हेतु आमंत्रित करता हूँ। इस यात्रा का समस्त खर्च हम स्वयं वहन करेंगे। उनकी यह घोषणा छात्राओं के चेहरों पर प्रसन्नता और उत्साह का संचार कर गई।
रक्षाबंधन महोत्सव के अवसर पर छात्राओं ने विद्यालय के प्राचार्य, शिक्षकगण एवं समस्त प्रशासनिक एवं तकनीकी कर्मचारियों को भी अपनी हस्तनिर्मित राखियाँ बाँधकर स्नेह और आदर व्यक्त किया। कार्यक्रम के दौरान छात्राओं एवं शिक्षकों द्वारा रक्षाबंधन पर्व के ऐतिहासिक, पौराणिक एवं सांस्कृतिक महत्व पर विस्तृत प्रकाश डाला गया। संपूर्ण आयोजन एक भावनात्मक, अनुशासित एवं प्रेरणादायक वातावरण में संपन्न हुआ, जिसने भारतीय संस्कृति की आत्मा ‘रक्षा एवं स्नेह’ को सुंदर रूप में अभिव्यक्त किया।