AIV fund- 500 करोड़ रुपये के ‘अर्था वेंचर फंड -2’ की हुई घोषणा

 500 करोड़ रुपये के ‘अर्था वेंचर फंड -2’ की हुई घोषणा 

 ( पहले चरण में जुटाए 250 करोड़ रुपये )

अर्था इंडिया वेंचर्स (एआईवी) ने अपने दूसरे प्रारंभिक चरण के माइक्रो वीसी फंड, ‘अर्था वेंचर फंड-2 (एवीएफ 2)’ के लिए 250 करोड़ रुपयों के पहले चरण की घोषणा की। इस फंड का कुल आकार 500 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है, जिसमें 100 करोड़ का ग्रीन-शू विकल्प भी शामिल है। फंड ने अपने लक्ष्य के 50 प्रतिशत से अधिक निवेश प्रतिबद्धताएँ पहले ही प्राप्त कर ली हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि निवेशकों को अर्था की ठोस रणनीति और सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड पर गहरा भरोसा है।

‘एवीएफ 2’ के अंतर्गत प्रारंभिक चरण (सीड-स्टेज) के 36 स्टार्टअप्स में निवेश किया जाएगा। यह निवेश प्रीमियम कंजम्पशन, फिनटेक इंफ्रास्ट्रक्चर, अप्लाइड एआई और डीप टेक इन चार प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित रहेगा। प्रत्येक स्टार्टअप में यह फंड शुरुआती तौर पर लगभग 4 करोड़ रुपयों का निवेश करेगा और उसके बाद अपने 1-2-4 मॉडल के तहत 8 से 16 करोड़ तक की फॉलो-ऑन निवेश करेगा। फंड का लक्ष्य अपने प्रमुख पोर्टफोलियो स्टार्टअप्स में 15 से 20 प्रतिशत तक की हिस्सेदारी प्राप्त करना है। यह फंड चार वर्षों के निवेश चक्र के अंतर्गत सक्रिय रूप से कार्य करेगा।

इस घोषणा पर टिप्पणी करते हुए ‘अर्था वेंचर फंड’ के मैनेजिंग पार्टनर अनिरुद्ध ए. दमाणी ने कहा - स्टार्टअप इकोसिस्टम एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है, और ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में हमारा ‘एवीएफ 2’ लॉन्च हो रहा है। पिछले आठ महीनों में, एक महीने को छोडक़र, भारत में हर महीने 100 से कम सीड निवेश हुए हैं। यह पिछले दशक का सबसे निम्न स्तर है। इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि ‘सीड’ से ‘सीरीज़-ए’ चरण तक पहुँचने का अनुपात, जो परंपरागत रूप से हर 9 में से 1 स्टार्टअप (लगभग 12-13 प्रतिशत) हुआ करता था, अब घटकर केवल 5-6 प्रतिशत रह गया है। यह इस बात का संकेत है कि प्रारंभिक चरण के निवेश पारिस्थितिकी तंत्र में इस समय पूंजी की कितनी भारी कमी उत्पन्न हो चुकी है।

इस फंड की लगभग 80 प्रतिशत पूंजी घरेलू स्रोतों से और 20 प्रतिशत पूंजी अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से आएगी। पहले चरण में मिली लगभग 90 प्रतिशत निवेश प्रतिबद्धताएँ भारतीय लिमिटेड पार्टनर्स (एलपी) की हैं, जिनमें फैमिली ऑफिसेज़ और व्यवसाय से सफलतापूर्वक बाहर निकले संस्थापक प्रमुख हैं। शेष 10 प्रतिशत निवेश प्रतिबद्धताएँ विदेशी निवेशकों से प्राप्त हुई हैं।

‘एवीएफ 2’ के प्रारंभिक निवेशकों में शाही ग्रुप, नरेंद्र कर्णावत (ग्लान्स फाइनेंस), डीएसपी फैमिली ऑफिस, और अर्था की पिछली निवेशों से जुड़े कई सफल संस्थापक शामिल हैं। वे अब अपनी कंपनियों से सफलतापूर्वक बाहर निकल चुके हैं।

दमाणी ने आगे कहा -निवेशक के रूप में इस समय की सबसे उत्साहजनक बात यह है कि मौजूदा परिस्थितियों में सारा शोर-शराबा थम गया है। अब ‘टूरिस्ट फाउंडर्स’, यानी केवल चलन के साथ उद्यमिता में आए लोग, लगभग गायब हो चुके हैं। जो बचे हैं, वे असली, गंभीर और टिकाऊ उद्यमी हैं, जो पूंजी का कुशलतापूर्वक उपयोग करते हुए मजबूत व्यवसाय खड़े कर रहे हैं।ये संस्थापक वेंचर कैपिटलिस्ट्स से फंड जुटाने से पहले ग्राहकों से वास्तविक राजस्व प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इसी प्रकार की रणनीति असल में ‘विंटेज फंड्स’ का निर्माण करती है।

अर्था वेंचर फंड 1 (एवीएफ 1) ने भारत का पहला सेबी-पंजीकृत माइक्रो वीसी फंड होने का गौरव प्राप्त किया था। प्रेगिन और पिचबुकने इस फंड को 2019 की विंटेज के लिए भारत में नंबर 1 और वैश्विक स्तर पर नंबर 2 स्थान प्रदान किया था।अब ‘एवीएफ 2’ फंड अर्था के इसी उद्देश्य को आगे बढ़ाएगा; यानी बड़ी क्षमता वाले प्रारंभिक चरण (सीड और प्री-सीरीज़ ए) के स्टार्टअप्स को सहयोग देना। ‘एवीएफ 1’ के 32 कंपनियों के पोर्टफोलियो में अग्निकुल कॉसमॉस, एव्हरेस्ट फ्लीट, लेनदेनक्लब, दालचिनी, इंस्टाअस्ट्रो और गेटवर्क जैसी उल्लेखनीय कंपनियाँ शामिल हैं। इनमें से कई ने अपने-अपने क्षेत्रों में नए मानक स्थापित किए हैं।इस फंड ने अनेक सफल एग्ज़िट्स हासिल की हैं और भारत में प्रारंभिक चरण की निवेश श्रेणी के लिए नए मापदंड और उच्च स्तर स्थापित किए हैं।

हमारे 2016 और 2017 के पोर्टफोलियो ने अनिश्चित परिस्थितियों के दौर में भी उद्यमियों में निवेश की वास्तविक ताकत साबित की थी। 2017 में 7 में से 7 सफल एक्ज़िट्स हासिल हुईं, जिनसे 111 प्रतिशत का आईआरआर और 16 गुना रिटर्न मिला; जबकि 2016 के पोर्टफोलियो ने लगभग 21 गुना रिटर्न दिया। आज हमें कई समान परिस्थितियाँ दिखाई दे रही हैं, और इसलिए हमें विश्वास है कि वर्ष 2025 एक बार फिर दशक में मिलने वाला सुनहरा अवसर साबित होगा, दमानी ने बताया।